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Thursday, July 17, 2025
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Timeless Shayri Posts
@TheInnerNotebook
गुलों में रंग भरे, बाद-ए-नौबहार चले। चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले।
— फैज़ अहमद फैज़
बहार आई तो उम्मीदें महक उठीं।
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जबसे देखा है तुझे महफ़िल में। खामोशी ने भी गीत लिखना सीखा।
— पियूष मिश्रा
संगीत बिना सुर, इधर-उधर बजता है।
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@TheInnerNotebook
वो चाहे जो मिले उसकी खुशबू रह जाएगी। यादों की चादर फैली तो सुबह भी रोशन हो जाएगी।
— अमृता प्रीतम
यादों ने forecast भेजा, rain of nostalgia।
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@TheInnerNotebook
मंजिलें उन्हें मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।
— हरिवंश राय बच्चन
ऊँचाइयों के टिकट महंगे मगर views बेमिसाल।
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जबसे देखा है तुझे महफ़िल में। खामोशी ने भी गीत लिखना सीखा।
— पियूष मिश्रा
संगीत बिना सुर, इधर-उधर बजता है।
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वो चाहे जो मिले उसकी खुशबू रह जाएगी। यादों की चादर फैली तो सुबह भी रोशन हो जाएगी।
— अमृता प्रीतम
यादों ने forecast भेजा, rain of nostalgia।
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मंजिलें उन्हें मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।
— हरिवंश राय बच्चन
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